Ajit Jinanda Daya Karo

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केवा तू कामण करे

संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन

Shree Ajitnath Prabhu Stavan

Stavan : Ajit Jinanda Daya Karo
Lyrics : Pujya Gyanvimalsuri Maharaja
Singer : Stuti Doshi
Music : Umang Bhavsar
Mixed & Mastered : Manan Shah
Recording At : Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR

Lyrics :

अजित जिणंद दया करो रे, आणी अधिक प्रमोद; जाणी सेवक आपणोरे,
सुणीये वचन विनोद रे, जिननी सेवना, भव भव ताहरी होजो रे, ए मनकामना. ॥१॥
कर्मशत्रु तुमे जीतीया रे, तिम मुजने जिताड; अजित थाउं दुश्मन थकी रे, ए मुज पूरो हाड रे. ॥२॥
जितशत्रु नृपनंदनो रे, जीते वयरी जेह; अचरिज ईहां कणे को नहि रे, अवधारो गुण गेह रे. ॥३॥
सकल पदारथ पामीए रे, दीठे तुम देदार; सौभागी महिमा नीलो रे, विजयामात मल्हार रे. ॥४॥
‘ज्ञानविमल’ सुप्रकाशथी रे, भासित लोकालोक; शिवसुंदरीना वालहा रे, प्रणमे भविजन थोक रे. ॥५॥

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