केवा तू कामण करे
संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन
Samanya Stavan
Stavan : Bhakti Sada Sukhadai
Lyrics : Pujya Gyanvimalsuri Maharaja
Singer : Manan Sanghvi
Music : Umang Bhavsar
Mixed & Mastered : Manan Shah
Recording At : Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR
Lyrics :
भक्ति सदा सुखदाई… प्रभुजी तोरी … भक्ति सदा सुखदाई; अविधि आशातना दूर करीने, जे करे मन निरमाई. ।।१।।
घर आंगण पर स्वर्गतणां सुख, नरसुख बहुत सवाई; सौभाग्यादिक सहज सुभगता, सहचरी परे चतुराई. ।।२।।
दूस्तर भवजलनिधि सुखे तरवा, दूरे अरति पलाई; मन-वच-तनु करी भवोभव चाहुं, एहि ज सुकृत कमाई. ।।३।।
‘ज्ञानविमल’ गुण प्रभुता पामी, शिवसुंदरी मिली आई; समकितगुण जिन गुणपद संभव, ए गुण करण वडाई. ।।४।।