केवा तू कामण करे
संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन
Shree Mahavir Prabhu Stavan
Stavan : Chello Bodh Aapi
Lyrics : Pujya Vinay Vijayji Maharaja
Singer : Tasvi Mehta
Music : Umang Bhavsar
Mixed & Mastered : Manan Shah
Recording At : Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR
Lyrics :
छेल्लो बोध आपी, सहु कर्म कापी, वीर मारा, गया मोक्षतणी मोझार,
अढार देशना राजाओ आवे पौषध लईने भावना भावे; सुणीने शास्त्रनुं ज्ञान, मूकीने अभिमान. ॥१॥
विलाप करे छे गौतमस्वामी, क्यां गया मारा अंतरयामी; मुजने मूकी गया, मने मेली गया. ॥२॥
चोसठ इन्द्रो आवी नमे छे, महामहोत्सवने ऊजवे छे; गुण वीरना गवाय, गुण महावीरना गवाय. ||३||
आसो मासनी पर्व दिवाळी, रुडी रात दिसे रढियाळी; वीर पाम्या निर्वाण, नामे श्री वर्धमान. ||४||
वीर नामनी साची दिवाळी, जाप जपे शियळ व्रतधारी; ‘विनयविजय’ गुण गाय, भवोभवनां दुःख जाय. ॥५॥