केवा तू कामण करे
संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन
Shree Aadeshvar Prabhu Stavan
Stavan : Hu To Pamyo Prabhu Na Paay Ree
Lyrics : Pujya Udayratna Vijayji Maharaja
Singer : Jinay Shah (Chawala)
Music : Umang Shah
Mixed & Mastered : Manan Shah
Recording At : Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR
Lyrics :
हुं तो पाम्यो प्रभुना पाय रे, आण न लोपुं रे; हुं तो सांभळी प्रभुजीना वेण रे, कानमां रोपुं रे. ।।१।।
जनम मरणना फेरा फरतां, में तो ध्याया न देवाधिदेवा रे; कुगुरु कुशास्त्र तणा उपदेशे, पामी नहीं प्रभु सेवा रे. ।।२।।
कनक कथीरनो भेद न जाण्यो, काच मणि सम तोल्यां रे; विवेक तणी में वात न जाणी, विष अमृत करी घोल्यां रे. ।।३।।
समकितनो लवलेश न समज्यो, हुं तो मिथ्यात्वमां खूंच्यो रे; पाप तणा पंथे परिवरियो, विषये करी विलुद्धो रे. ।।४।।
कोई पूरव पुण्य संयोगे, आरज कुळे अवतरियो रे; आदीश्वर साहिब मुज मलियो, तारक भवजल तरियो रे. ।।५।।
आटला दिन में वात न जाणी, तुजथी रह्यो हुं अळगो रे; ‘ उदयरत्न’ कहे आज थकी हुं, तारे पाये वलगो रे. ।।६।।