Auspicious song released on occasion of Matiryben B Metha’s Diksha.
Music : Manan Shah
Singer : Manan Sanghvi
Lyrics : Ankit shah
हे विरतीना विचारोथी जागी रे भावना
रुदियाए फरी फरी ने करी रे कामना
एवा रे मैत्रीपथना हुं करुं वधामणा …
हे….रगरगना रणकारे
पांपणना पलकारे
आनंद छायो…..
राज मने मनगमतो अणमोलो ओघो आपो
हे रंगरागने जाकारो
विरागने आवकारो
ए उत्सव आयो
साज हवे संयमना सजवाने ओघो आपो
ममता मोडीने समता जोडीने जावुं प्रभुना पंथ /पंथे
गुरुमैया ना खोळे रमीने रहेवुं छे आगम ग्रंथ /ग्रंथे
मारे रहेवुं संगे गुरुमा
मने वेष परमनो आपो
भले आवे कर्मोना घा
मने वीरना वेषे थापो
हे तनमन रंगेचंगे
झुमवा अंगे अंगे
उमंग छायो ….
राज मने……
आतम नाचेने प्रभुमां राचे केवो रे करे किल्लोल
सूर संगीतना तालमां वागे रुडा रे शरणाई ढोल
हे मोह तजीने मांगुं झुमी
मने स्पर्श परमनो करावो
आवुं यशस्वी वेष सजी
मने अक्षत भावे वधावो
हे संयम केरा शणगारे
अंकित थवा अणगारे
अवसर पायो…..
राज मने ….
Anmolo Ogho Aapo
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