ભવ ભ્રમણો ની યાત્રા નો તો અંત છે અનંત નહિ
સંયમ યાત્રા
(Title Song)
Diksha Nishra data : Bhaktiyogacharya PP AA Yashovijaysurishwarji Maharaja
Diksha : 9/12/22 (Shahpur – Maharashtra)
Mumukshu Jignesh Bhai
Mumukshu Hetal Ben
Mumukshu Tyagi Ben
Mumukshu Tirth Bhai
Singer : Manan Sanghvi
Lyrics : Saiyam Kubadiya – Yash Mehta
Music : Manan Shah – Jimmy Desai
Video : Creative Productions by Ayush Jain
Lyrics :
सर्व स्वीकार नी संयम यात्रा
सादी अनंत छे वीरे कही
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
हु कहेतो नथी संसारे दुख
पण शाश्वत सुख नो अंश नही
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
स्पीच
पैसा पाछल भव जसे
साथ न आवसे पाईं ।
स्वार्थ भरेला संबंधो छे
प्रभु संग करीले सगाई ।।
अंतरो
तु भव अनंता करी आव्यो
तु नश्वर देह पाछल भाग्यो
जीवन मा सुख जे कोतरे छे
मृगजल बनी ते छेतरे छे
केम मन मंदिर तारु खाली छे ? (२)
केम खाली आतम? सुख नहि
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
हु कहेतो नथी संसारे दुख
पण शाश्वत सुख नो अंश नही
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
नेमि नु ऐ बस नाम जपे
बनसे नेम जेम ए मन मेरे
देह थी अंजन छे मन रंजन
छोड़या एने धन कंचन
आ नेमि तो गिरनारी छे
एने राजुल रानी तारी छे
वली पशुओने पण उगारी रे
एतो पाम्या शिववधु प्यारी रे (२)
पुण्य नहि जोसे ए तारु
बस मन पवित्र छे के नहि
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
सर्व स्वीकार नी संयम यात्रा
सादी अनंत छे वीरे कही
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
हु कहेतो नथी संसारे दुख
पण शाश्वत सुख नो अंश नही
भव भ्रमणोनी यात्रा नो तो
अंत छे अनंत नही
धुन
मुंडन करावी प्रव्रज्या स्वीकारी
स्वाध्याये बेठो रहे मौन तु
बंध छे आंखो आनंदे राचो
संयम यात्रा नो पथिक तah
Saiyam Yatra
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