केवा तू कामण करे
संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन
Samanya Jin Stavan
Stavan : Hum Line Hai Prabhu Dhyan Me
Rachna : Pujya Gyanvimalsuri Maharaja
Music Director : Umang Bhavsar
Singer : Sani Shah
Music Arranged – Produced : Umang Bhavsar
Flute : Kiran Vinkar
Mixed & Mastered : Kardamsharma Joshi
Recording At : Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR
Lyrics :
हम लीने हे प्रभु ध्यान में… हम लीने हे… ! करम भरम जंजीर से छूटे, होई रहे एक तान में. ॥१॥
रोम रोम परमानंद उलसत, होत मगनता ज्ञान में; सवि सभाव में तुंही तुंही, ओर न आवत मान में.॥२॥
ज्युं तरवारे अति दूर निकंदे, अलग रही हे म्यान से;आतमशक्ति भगति ज्युं तेसी, होवे पुद्गल ठान से.॥३॥
अहनिश मैत्रीभाव उदासीन, त्रिभुवन अभयदान से; अजब कला कोई ऐसी तुमची, निश्चित नय परधान से.॥४॥
‘ज्ञानविमल’ प्रभुता गुण तेरो, पसर्यो आन प्रान से; सहज सदागम बोध सुलभता, देई सफळ करो दान से. ॥५॥