❤️ केवा तू कामण करे ❤️
संघ एकताना शिल्पी पूज्य ॐकारसूरी महाराजा के जन्म शताब्दी वर्ष पर देवचंद्रजी , आनंदघनजी, महोपाध्याय यशोविजयजी आदी पूर्वमहर्षिओ द्वारा रचित स्तवनोका नूतन भाववाही रागों में पुनर्जीवन
✨ Prabhu Aadinath Stavan ✨
🎵::: Stavan ::: 🎵 Shree Jagnath Jagguru
✍️ ::: Rachna ::: ✍️ Pujya Kesarvimalsuri Maharaja
🎙️::: Singer :::🎙️ Jinay Shah (Chawala)
🎹 :::Music ::: 🎹 Umang Bhavsar
🎼 ::: Mixed & Mastered ::: 🎼 Manan Shah
📍 ::: Recording At ::: 📍 Melodious Junction Studio By UMANG BHAVSAR
::: Lyrics :::
श्री जगनाथ जगगुरु देव रे, आदीश्वर जिनराय रे,
तुज मुख देखी साहिबा रे, आनंद अंग न माय रे; ऋषभ जिन तुं मोटो महाराज, तुज दरिसण दीठु आज रे. ॥१॥
आंखडी कमलनी पांखडी रे, जिह्वा अमीरस कंद रे; मुख अनुपम दीपतुं रे, नयन चकोरो चंद रे. ॥२॥
मूर्ति जन मन मोहिनी रे, जाणे मोहन वेल रे; मनना मनोरथ पूरती रे, जिम सुरतरुं रंगरेल रे.॥३॥
एकण जीभे ताहरा रे, गुण केटला कहेवाय रे; गंगा वालुका कण तणी र, कीणी परे संख्या थाय रे. ॥४॥
शत्रुंजय गिरि राजवी रे, नाभिराया कुलचंद रे; ‘केसरविमल’ एम विनवे रे, द्यो दरिशन सुखकंद रे. ॥५॥
Shree Jaganath Jagguru
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